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गुनाहगार हूं मै मुझे माफ़ कीजिए

गुनाहगार हूं मै मुझे माफ़ कीजिए  गुनाहगार हूं मै मुझे माफ़ कीजिए दोस्तों मै देव आज फिर आपके लिए एक खास ग़ज़ल लेकर आया हूं।जिसका शीर्षक है।गुनाहगार हूं मै मुझे माफ़ कीजिए। इस ग़ज़ल को पूरा पढ़िए।और मज़ा लीजिए।कमेंट जरूर करे। 1. गुनहगार हूं मै मुझे माफ़ कीजिए अब नहीं होगी गलती मेरे लिए दुआ कीजिए।। अफसोस हमें भी है खुद की गलती पर बस करिए साहब इस भीड़ में अब ना जलील कीजिए।। सुना है तौबा करने पर खुदा भी माफ़ करते है कितना मारोगे साहब मेरी हालत पर भी गौर कीजिए।। अब नहीं होगी गलती मेरे लिए दुआ कीजिए।। 2. चलो देव कुछ नया करते है ईमान बेचकर कुछ सौदा करते है बहुत मिलती है सियासत में नौकरियां  अब चलो इस देश को बेचते है चलो देव कुछ नया करते है। हैवानियत की पूंजी लगाते है बहुत मिलती है इसमें रुपया पैसा  अब चलो देश को बेचते है चलो देव कुछ नया करते है। देश की हालत 3. हमारे देश के सरकार हमारे देश को ऐसे खा रहा है।जैसे लकड़ी को दीमक। मुझे तब लगने लगा कि हमारा देश बदल रहा है।जब किसान जहर खाने लगे और डिग्री वाले

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ये नेता देश के रक्षक नहीं,ये नेता देश के भक्षक है।

मैंने क्या लिखा सब इस कलम ने लिखा।दास्तान ए इश्क़ ग़ज़ल।maine kya likha sab is kalam ne likha।

कोई तो पता दो यारों,उनके शहर का।इश्क़ शायरी।महबूबा की याद।