ये नेता देश के रक्षक नहीं,ये नेता देश के भक्षक है।

ये नेता देश के रक्षक नहीं,ये नेता देश के भक्षक है।

ये नेता देश के रक्षक नहीं,ये नेता देश के भक्षक है।
दोस्तों आपका स्वागत है।आज के इस खास ग़ज़ल में।आज का ग़ज़ल देश के नेताओ के बारे में है।इसलिए इस ग़ज़ल को पूरा पढ़े।
और देखिए किस तरह से इस देश के नेता। इस देश को दीमक के तरह खा रहा है।मीठा जहर बनकर घुल रहा है इस देश में।और हम हाथ पर हाथ रखकर बैठे है।
एक सच्चे हिन्दुस्तानी होने के नाते इस ग़ज़ल को सोशल मीडिया पर हवा की तरह फैला दो।

ये नेता देश के भक्षक है।

ये नेता देश के रक्षक नहीं
ये नेता देश के भक्षक है।

एक लब्ज में इसे ईंधन कहो
या फिर चिंगारी आग की कहो
या कुछ कहो या सुनते रहो
ये नेता विकास का रोड़ा है 

ये नेता देश के रक्षक नहीं
ये नेता देश के भक्षक है।

एक लब्ज में इसे दीमक कहो
या फिर मीठा जहर कहो
या कुछ कहो या सुनते रहो
 ये नेता हिंदुस्तान का दुश्मन है

ये नेता देश के रक्षक नहीं 
ये नेता देश के भक्षक है।

By Manish Dev

दोस्तों आपको ये ग़ज़ल अगर अच्छा लगा तो ।लाइक करना ना भूले ।और इस पोस्ट को फेसबुक और व्हाट्स एप पर पूरा फैला दो।
सोचो मत ।मत लड़ो धर्मो के नाम पर लड़ना है तो इस देश के लिए लड़ो।आपस में सब एक हो जाओ।
वरना फिर से गुलाम होने के लिए तैयार हो जाओ।


दोस्तों नीचे कुछ ग़ज़ल है इसे तो जरूर पढ़े ।मज़ा नहीं आए तो कहना।






5.मैंने क्या लिखा सब इस कलम ने लिखा


प्लीज लाइक और शेयर करना ना भूलें

आपका मनीष देव






Comments